Joshua 13

1और यशू’अ बूढ़ा और ‘उम्र रसीदा हुआ और ख़ुदावन्द ने उस से कहा, कि तू बूढ़ा और ‘उम्र रसीदा है और क़ब्ज़ा करने को अभी बहुत सा मुल्क बाक़ी है|

2और वह मुल्क जो बाक़ी है इसलिए  ये है; फिलिस्तियों की सब इक़लीम और सब हबसूरी| 3सीहूर से जो मिस्र के सामने है उत्तर की तरफ़ ‘अक़रून की हद तक जो कना’नियों का गिना जाता है, | फ़िलिस्तियों के पाँच सरदार या’नी ग़ज़ी और अशदूदी असक़लूंनी और जातीऔर अक़रूनी और ‘अव्वीम भी|

4जो दख्खिन की तरफ़ हैं  और कना’नियों का सारा मुल्क और मग़ारह जो सैदानियों का है, | अफ़ीक़ या’नी अमूरियों की सरहद तक| 5और जिब्लियों का मुल्क और पूरब की तरफ़ बा’ल जद से जो कोह-ए-हरमून के नीचे है, हिमात के मद्खल तक सारा लुबनान|

6फिर लुबनान से मिसरफ़ात अलमाईम तक पहाड़ी मुल्क के सब बाशिंदे या’नी सब सैदानी| उनको मैं बनीइस्राईल के सामने से निकाल डालूँगा, | तू सिर्फ़ जैसा मैंने तुझको हुक्म दिया है, मीरास के तौर पर उसे इस्राईलियों को तक़सीम कर दे, | 7इसलिए तू इस मुल्क को उन नौ क़बीलों और मनस्सी के आधे क़बीले को मीरास के तौर पर बाँट दे, |

8मनस्सी के साथ बनी रूबिन और बनी जद ने अपनी अपनी मीरास पा ली थी जिसे मूसा ने यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ उनको दिया था, क्यूँकि ख़ुदावन्द के बन्दे मूसा ने उसे उन ही को दिया था, या’नी: | 9‘अरो’ईर से जो वादी-ए-अरनून के किनारे आबाद है शुरू’, करके वह शहर जो वादी के बीच में है, मिदबा का सारा मैदान दीबोन तक, |

10और अमूरियों के बादशाह सीहून के सब शहर जो हसबून में सल्तनत करता था बनी ‘अम्मून की सरहद तक| 11और जिल’आद और जसूरियों और मा’कातियों की नवाही और सारा कोह-ए-हरमून और सारा बसन सलका तक| 12और ‘ओज जो रफ़ाईम की बक़िया नसल से था और ‘इस्तारात और अदर’ई में हुक्मरान था उसका सारा ‘इलाक़ा जो बसन में था क्यूँकि मूसा ने उनको मार कर अलग कर दिया था|

13तो भी बनीइस्राईल ने जसूरियों और मा’कात्तियों को नहीं निकाला चुनाँचे जसूरी और मा’काती आज तक इस्राईलियों के बीच  बसे हुए हैं|

14सिर्फ़ लावी के क़बीले को उस ने कोई मीरास नहीं दी; क्यूँकी ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की आतिशीन क़ुर्बानियाँ उसकी मीरास हैं , जैसा उसने उससे कहा था|

15और मूसा ने बनी रूबिन के क़बीले को उनके घरानों के मुताबिक़ मीरास दी, | 16और उनकी सरहद यह थी: या’नी ‘अरो’ईर से जो वादी-ए-अरनोन के किनारे आबाद  है, और वह शहर जो पहाड़ के बीच में है , और मिदबा के पास का सारा मैदान;

17हस्बोन और उसके सब शहर जो मैदान में हैं, दीबोन और बामात बा’ल , बैत बा’ल म’ऊन , 18और यह्साह, और क़दीमात, और मफ़’अत, 19और क़रीताईम, और सिबमाह, और ज़रत-उल-सहर जो पहाड़ के किनारे  में हैं,

20और बैत फ़गू़र, और पिसगा के दामन की ज़मीन, और बैत यसीमोत, 21और मैदान के सब शहर और अमोरियों के बादशाह सीहोन का सारा मुल्क़ जो हसबोन में सल्तनत करता था, जिसे मूसा ने मिदियान के रईसों अवी और रक़म और सूर और हूर और रब्बा , सीहोन के रईसों के साथ जो उस मुल्क़ में बसते थे, क़त्ल किया था|

22और ब’ओर के बेटे बल’आम को भी जो नजूमी था, बनीइस्राईल ने तलवार से क़त्ल करके उनके मक़तूलों के साथ मिला दिया था| 23और यरदन और उसके ‘इलाक़े बनी रूबिन की सरहद थी| यही शहर और उनके गाँव बनी रूबिन के घरानों के मुताबिक़ उनके वारिस ठहरे|

24और मूसा ने जद्द के क़बीले या’नी बनी जद्द को उनके घरानों के मुताबिक़ मीरास दी| 25और उनकी सरहद यह थी: या’ज़ीर और जिल’आद के सब शहर और बनी ‘अम्मोन का आधा मुल्क़, ‘अरो’ईर तक जो रब्बा के सामने है| 26और हसबोन से रामात उल मिस्फ़ाह और बतूनीम तक, और महनाईम से दबीर की सरहद तक|

27और वादी  में बैत हारम, और बैत निमरा, और सुक्कात, और सफ़ोन, या’नी हस्बोन के बादशाह सीहोन की अक़लीम का बाक़ी हिस्सा, और यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ किन्नरत की झील के उस सिरे तक, यरदन और उस की सारी नवाही| 28यही शहर और इनके गाँव बनी जद्द के घरानों के मुताबिक़ उनकी मीरास  ठहरे|

29और मूसा ने मनस्सी के आधे क़बीले को भी मीरास दी, यह बनी मनस्सी के घरानों के मुताबिक़ उनके आधे क़बीले के लिए थी| 30और उनकी सरहद यह थी: महनाईम से लेकर सारा बसन और बसन के बादशाह ‘ओज़ की तमाम अक़लीम, और या’ईर के सब क़स्बे जो बसन में हैं वह साठ शहर हैं, 31और आधा जिल’आद और ‘इस्तारात और अदर’ई जो बसन के बादशाह ‘ओज़ के शहर थे, मनस्सी के बेटे मकीर की औलाद को मिले, या’नी मकीर की औलाद के आधे को उनके घरानों के मुताबिक़ यह मिले|

32यही वह हिस्से हैं जिनको मूसा ने यरीहू के पास मोआब के मैदानों में यरदन के उस पार पूरब की तरफ़ मीरास  के तौर पर तक़सीम किया| लेकिन लावी के क़बीले को मूसा ने कोई मीरास नही दी; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा उनकी मीरास है, जैसा उसने उनसे ख़ुद कहा|

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